हीरा रत्न पहनने के फायदे: मान-प्रतिष्ठा पानी हो, तो पहने हीरा
हीरा रत्न पहनने के फायदे (Heera Ratan Pahnane Ke Fayde): हीरा सब रत्नों में अधिक कठोर, चमकदार, पारदर्शी, बहुमूल्य खनिज महारत्न है। ज्योतिष विज्ञान में इसका काफी महत्व है। हीरा धारण करने से जातक को न सिर्फ समाज में प्रतिष्ठा मिलती है, बल्कि उसका व्यक्तित्व भी निखरता जाता है। तो आईये जाने कि हीरा किस राशि को पहनना चाहिए और हीरा रत्न पहनने के फायदे क्या है?
हीरा रत्न पहनने के फायदे (Heera Ratan Pahnane Ke Fayde)
हीरे का नाम सुनते ही, एक चमकदार षटकोणीय पत्थर की आकृति हमारे सामने आने लगती है। लेकिन भारतीय ज्योतिष विज्ञान में इस हीरे को एक कीमती ही नहीं, बल्कि असरकारी रत्नों में शुमार किया जाता है।
दरअसल हीरे में मौजूद कई गुणों के कारण ही ऐसा संभव हो पाता है। कई लोगों ने तो अंगूठी या किसी अन्य रूप में हीरा धारण कर, ग्रह-नक्षत्रों से संबंधित अपनी परेशानियों से मुक्ति पाई है। आज भी हीरा विभिन्न राशियों वाले जातकों को कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
हीरा किस राशि को पहनना चाहिए?
मेष राशि के लिए शुक्र द्वितीय और सप्तम स्थान का स्वामी होने के साथ कारण प्रबल मारकेश है। इसके अतिरिक्त लग्नेश मंगल और शुक्र में परस्पर मित्रता नहीं है। तब भी कुंडली में शुक्र की महादशा में हीरा धारण करने से धन प्राप्ति, दांपत्य-सुख, विवाह-सुख, वाहन-सुख प्राप्त हो सकता है, परंतु इसके मारक होने की भी संभावना होती है।
वृष राशि के लिए शुक्र लग्नेश है। अतः इस लग्न राशि के जातक स्वास्थ्य लाभ, आयु वृद्धि तथा जीवन में उन्नति की प्राप्ति के लिए सदा हीरा धारण कर सकते हैं।
मिथुन राशि के लिए शुक्र द्वादश और पंचम का स्वामी होता है। पंचम त्रिकोण में उसकी मूल त्रिकोण राशि पड़ती है। अतः इस लग्न के लिए शुक्र शुभ माना गया है। इसके अतिरिक्त शुक्र और लग्नेश बुध में परस्पर मित्रता है। इस कारण शुक्र की महादशा में हीरा धारण करने से उन्नति, संतान-सुख, मान-यश-प्रतिष्ठा, बुद्धि-बल मिलता है।
कर्क राशि के लिए शुक्र चतुर्थ और एकादश का स्वामी है। शुक्र इस लग्न के लिए अशुभ होता है। इसके अलावा लग्नेश चंद्रमा और शुक्र परस्पर मित्र नहीं हैं, तब भी चतुर्थ और एकादश कुंडली में शुभ भाव होते हैं। अतः शुक्र की महादशा में हीरा धारण किया जाए, तो शुभ फलदायी होता है।
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सिंह राशि के लिए शुक्र तृतीय व एकादश का स्वामी होने के कारण शुभ ग्रह नहीं माना जाता। परंतु यदि एकादश का स्वामी हो, तो शुक्र की महादशा में हीरा धारण करने से धन प्राप्ति तथा मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
कन्या राशि के लिए शुक्र द्वितीय और नवम का स्वामी होने से अत्यंत शुभ और योग कारक ग्रह माना जाता है। अतः हीरा धारण करने से इस राशि के जातक को हर प्रकार की उन्नति प्राप्त होगी, यदि हीरा पन्ने के साथ धारण किया जाए, तो अति उत्तम होगा।
तुला राशि के लिए शुक्र लग्न का स्वामी है। अतः इस राशि के जातक इसको नि:संकोच सदा रक्षा कवच की भांति धारण करें। इसके धारण करने से स्वास्थ्य-लाभ, आयु में वृद्धि, यश-मान की प्राप्ति होगी तथा शुक्र की महादशा में धारण करने से मैं अति लाभकारी होगा।
वृश्चिक राशि के लिए शुक्र व्यय भाव तथा सप्तम भाव (कारक- स्थान) का स्वामी होता है। इसके अतिरिक्त लग्नेश मंगल और शुक्र में परस्पर मित्रता नहीं होती। अतः इन जातकों को हीरा धारण नहीं करना चाहिए।
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धनु राशि के लिए शुक्र षष्ठ और एकादश का स्वामी होने के कारण शुभ नहीं माना जाता है। इसके अलावा शुक्र लग्नेश बृहस्पति का शत्रु है। तब भी एकादश का स्वामी होकर कुंडली में शुक्र द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, नवम, एकादश या राशि में स्थित हो, तो शुक्र की महादशा में हीरा धारण करने से आर्थिक लाभ और भाग्योन्नति होगी।
मकर राशि के लिए पंचम तथा दशम का स्वामी होने के कारण शुक्र अत्यंत शुभ और योग कारक ग्रह माना गया है। इस राशि के जातक यदि हीरे को नीलम के साथ धारण करें, तो शुभ होता है।
कुंभ राशि के लिए चतुर्थ और नवम का स्वामी होने के कारण शुक्र ग्रह अत्यंत लाभकारी एवं शुभ फलदायक माना जाता है। शुक्र की महादशा में तो हीरा अवश्य धारण करना चाहिए।
मीन राशि के लिए शुक्र तृतीय और अष्टम का स्वामी होने के कारण अत्यंत अशुभ ग्रह माना गया है। इसलिए ज्योतिष विज्ञान के अनुसार इस राशि के जातक को हीरा कभी भी धारण नहीं करना चाहिए। उसे हीरे से कभी लाभ नहीं मिलेगा।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।