9 अंक का महत्व, जीवन के हर रंग में शामिल है अंक 9
9 अंक का महत्व (9 Ank Ka Mahatva): अंको का जीवन के हर क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ता है। फिर चाहे वह कोई भी अंक हो। इसी तरह अंक 9 से भी मानव जीवन का गहरा नाता है। वैसे भी नव दुर्गा, नौ अंग और नौ ग्रहों के कारण भारतीय संस्कृति में अंक 9 की महत्ता सबसे ज्यादा है –
(Nau Ank Ka Mahatva) 9 अंक का महत्व
महत्व 9 अंक का
मानव जीवन पर अंकों का काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। वैसे तो अंक शास्त्र का वास्तु एवं फेंगशुई से भी गहरा नाता है। जिस तरह विभिन्न अंकों के लिए ग्रह निर्धारित है, ठीक उसी प्रकार वास्तु शास्त्र में इनके लिए दिशाओं का वर्णन किया गया है।
अंक 1 सूर्य का द्योतक है तथा वास्तु शास्त्र में इसकी दिशा पूर्व मानी जाती है। इसी प्रकार अंक 2 चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है तथा इसकी दिशा उत्तर-पश्चिम है। अंक 3 बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करता है तथा इसकी दिशा उत्तर-पूर्व है।
(Ank )अंक 4 यूरेनस और प्लूटो का प्रतिनिधित्व करता है तथा इसकी दिशा उत्तर-पश्चिम है। अंक 5 बुध का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी दिशा उत्तर मानी जाती है। अंक 6 शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है तथा इसकी दिशा दक्षिण-पूर्व है।
अंक 7 वरुण का प्रतिनिधित्व करता है एवं इसकी दिशा दक्षिण-पश्चिम है। अंक 8 शनि का प्रतिनिधित्व करता है तथा इसकी दिशा पश्चिम है। अंक 9 मंगल का प्रतिनिधित्व करता है और वास्तु के अनुसार इसकी दिशा दक्षिण है।
1. अंको का प्रभाव
अंक 1 तथा 4 का प्रभाव मानव शरीर में मूलाधार चक्र पर पड़ता है। इसका रंग लाल होता है। इसी प्रकार अंक 2 एवं 7 का प्रभाव स्वाधिष्ठान चक्र पर पड़ता है। इसका रंग नारंगी होता है। अंक 9 का प्रभाव मणिपुर चक्र पड़ता है और इसका रंग पीला होता है। अंक 5 का प्रभाव अनाहट चक्र पर पड़ता है तथा इसका रंग हरा होता है। अंक 3 का प्रभाव विशुद्धि चक्र पर पड़ता है और इसका रंग आसमानी होता है।
अंक 6 का प्रभाव आज्ञा चक्र पर पड़ता है और इसका रंग बैंगनी होता है। अंक 8 का प्रभाव सहस्त्रार चक्र पर पड़ता है तथा इसका रंग बैंगनी होता है। कोई भी जातक अपनी जन्मतिथि के अंकों को जोड़कर प्राप्त अंक से संबंधित दिशा वाले मकान में निवास कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकता है।
2. अंक 9 की महत्ता
भारतीय संस्कृति में वैसे भी अंकों को काफी महत्व दिया जाता है। जिसमें अंक 9 की महत्ता सबसे ज्यादा है। नौ ग्रह हमारे ऊपर अपने ढंग से अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। इसी प्रकार नवरत्नों की महत्ता से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
मानव शरीर में भी दो आंखें, दो कान ,एक नाक, दो हाथ और दो पैर मिलकर 9 अंग ही बनते हैं। नवरात्रि का त्यौहार भी 9 दिनों तक मनाया जाता है।
3. अंक 9 के गुण
अंक 9 में कई विलक्षण गुण भी विद्यमान होते हैं। दरअसल अंक 9 को जब किसी भी अंक से गुणा किया जाता है, तो प्राप्त संख्या के अंकों को जोड़ने पर हर बार अंक 9 ही प्राप्त होता है। जैसे 9 को यदि अंक 3 या 4 से गुणा किया जाए, तो हमें 27 या 36 प्राप्त होता है।
अब यदि उनके अंगों को जोड़ा जाए तो हर बार अंक 9 ही प्राप्त होता है। इसी कारण वास्तु में सीढ़ियों की संख्या विषम रखने की सलाह दी जाती है। यदि ये 9 या इसके गुणांक में हो, तो सबसे अच्छा माना जाता है। फेंगशुई में भी किसी भूखंड को 9 बराबर भागों में बांटते हैं तथा इसके आधार पर हर क्षेत्र की जांच कर उस क्षेत्र के तत्वों के अनुसार समुचित उपाय करते हैं।
पिरामिड विज्ञान में भी 9 पिरामिडों के समूह या 9 के गुणांक में ही पिरामिडों को रखकर ऊर्जा केंद्रों का निर्माण किया जाता है। वास्तु में भी 8 दिशाओं तथा ब्रह्म स्थल यानी केंद्र को मिलाकर 9 क्षेत्रों की प्राप्ति होती है। इस तरह अंक 9 का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
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