माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए, माणिक्य पहनना कब होगा फलदायी?
माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए (Manik Ratna Kise Pehnana Chahiye): सूर्य की कमजोर स्थिति को अनुकूल करने के लिए माणिक्य धारण किया जाता है। लेकिन यह तभी ज्यादा फलदायी होता है जब इसे राशियों के अनुसार पहना जाए। क्योंकि माणिक्य का प्रभाव विभिन्न राशियों पर अलग-अलग होता है –
माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए (Manik Ratna Kise Pehnana Chahiye)?
माणिक रत्न के प्रभाव की जानकारी
मेष राशि में सूर्य पंचम त्रिकोण का स्वामी होता है और लग्नेश मंगल का मित्र है। अतः मेष लग्न के जातक को बुद्धि, बल प्राप्ति, आत्मोन्नति तथा संतान सुख, प्रसिद्धि के लिए हमेशा माणिक्य धारण करना चाहिए।
वृष राशि की कुंडली में सूर्य चतुर्थ केंद्र का स्वामी है परंतु सूर्य लग्नेश शुक्र का शत्रु है। इसलिए इस लग्न के जातकों को माणिक्य केवल सूर्य की महादशा में ही धारण करना चाहिए। अन्यथा उन्हें लाभ नहीं होगा। जिसको यह धारण करना आवश्यक है, उसको इसके पहनने से मानसिक शांति, सुख, विद्या, मातृ सुख तथा वाहन सुख प्राप्त होता है।
मिथुन राशि की कुंडली में सूर्य तृतीय भाव का स्वामी है। अतः इस कुंडली के जातक को यह रत्न कभी भी धारण करना लाभ नहीं देगा।
कर्क राशि के लिए सूर्य धन भाव का स्वामी होता है। इस कुंडली में समय लग्नेश चंद्र का मित्र है। अतः इस कुंडली के जातक को धनाभाव के समय, आंखों के कष्ट के समय माणिक्य धारण करना चाहिए। यदि माणिक्य मोती के साथ पहना जाए तो यह अति लाभदायक है।
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सिंह राशि के लोगों को हमेशा माणिक्य पहनना चाहिए। इसके धारण करने से जातक शत्रुओं के मध्य निर्भय होकर रह सकेंगे और शत्रु पक्ष से उनके विरुद्ध जो भी कार्यवाही होगी, उससे उनकी रक्षा करेगा और आयु में वृद्धि होगी। इस लग्न के जातक अत्यंत भावुक होते हैं। अतः अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए तथा आत्मबल की उन्नति के लिए सदा माणिक्य धारण करना चाहिए।
कन्या राशि में सूर्य द्वादश का स्वामी होता है। इसलिए इस लग्न के जातक को कभी माणिक धारण नहीं करना चाहिए।
तुला की कुंडली में सूर्य जो लग्नेश शुक्र का शत्रु है, एकादश भाव का स्वामी होता है। इस लग्न में जातक को माणिक्य केवल सूर्य की महादशा में धारण करना चाहिए। यह आर्थिक लाभ के लिए शुभ फलदायक होगा।
वृश्चिक राशि में सूर्य दशम भाव का स्वामी है। सूर्य की महादशा में इनको माणिक्य पहनना चाहिए।
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धनु के कुंडली में सूर्य नवम भाव का स्वामी होता है जो लग्नेश का मित्र होता है। अतः धनु लग्न के जातक माणिक्य भाग्य उन्नति, आत्मोन्नति या पितृ सुख के लिए पहन सकते हैं।
मकर राशि में सूर्य अष्टम भाव का स्वामी होता है। इसके लग्नेश शनि और सूर्य में परस्पर शत्रुता रहती है। इसलिए इनको माणिक्य नहीं पहनना चाहिए।
कुंभ में सूर्य सातवें भाव का स्वामी होता है। जो भाव विशेष रूप से मारक स्थान है। ऐसे जातक को माणिक्य से दूर ही रहना चाहिए।
मीन राशि के जातकों को भी माणिक्य नहीं धारण करना चाहिए। क्योंकि इस लग्न में सूर्य छठें भाव का स्वामी होता है। लेकिन यदि सूर्य छठें का स्वामी होकर छठे भाव में स्थित हो तो सूर्य की महादशा में माणिक्य पहना जा सकता है। इस भाव में लग्नेश बृहस्पति का मित्र होता है। अतः ऐसे जातकों को माणिक्य पहनना फलदायी होता है। इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है और आर्थिक समृद्धि आती है।
इस तरह रत्न ज्योतिषी की सलाह पर ही सूर्य रत्न माणिक्य धारण करें। तभी इसका लाभ आपको प्राप्त होगा।
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