रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग, होते हैं संवेदनशील और भावुक
रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग (Rohini Nakshatra Mein Janme Log): जन्म कुंडली बनाते समय ज्योतिषी, नक्षत्रों की ही गणना करते हैं। जातक का जन्म जिस नक्षत्र में हुआ होता है, उसी का असर उसके व्यक्तित्व पर दिखता है। रोहिणी नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति कला, संगीत में अपना रुझान रखते हैं… कुछ और बातें उनके बारे में –
रोहिणी नक्षत्र में जन्मे लोग (Rohini Nakshatra Mein Janme Log)
पुराण कथा के अनुसार रोहिणी चंद्र की सत्ताइस पत्नियों में सबसे सुंदर, तेजस्वी, सुंदर वस्त्र धारण करने वाली है। ज्यों-ज्यों चंद्र रोहिणी के पास जाता है, त्यों त्यों उसका रूप अधिक खिल उठता है। चंद्र के साथ एकाकार होकर छुप भी जाती है। रोहिणी के देवता ब्रह्माजी हैं। रोहिणी नक्षत्र में जन्मे जातक सुंदर, शुभ्र, पति प्रेम, संपादन करने वाले, तेजस्वी, संवेदनशील, संवेदनाओं से जीते जा सकने वाले, सम्मोहक तथा सदा ही प्रगतिशील होते हैं।
रोहिणी नक्षत्र में जन्मी स्त्री
जिस स्त्री का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ हो वह स्त्री सुंदर, पवित्र, पति की आज्ञाकारिणी, माता-पिता की भक्त, सेवाभावी पुत्र-पुत्रियों से युक्त, ऐश्वर्यवान होती है। शुभ ग्रहों से युक्त या संबंधित होने के कारण नक्षत्र सूचित अंग, उपांग तथा मुँह, जीभ, गर्दन के रोगों का प्रभाव होता है। रोहिणी की पहचान उसकी विशाल आँखें हैं।
रोहिणी नक्षत्र चरण
ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार रोहिणी नक्षत्र चारों चरणों में वृषभ राशि का होता है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं, उनका व्यक्तित्व कैसा होता है, आज हम इसके बारे में जानेंगे
रोहिणी नक्षत्र में जन्में लोगों का स्वभाव
चंद्रमा को रोहिणी नक्षत्र का स्वामी कहा जाता है, इस नक्षत्र में जिनका जन्म होता है वे कल्पना की ऊंची उड़ान भरने वाले होते हैं। अपनी कल्पना की दुनियां में खुश रहना उन्हें पसंद हैं। इनका मन हिरण के समान चंचल होता है, किसी विषय पर देर तक विचार करना और मुद्दे पर कायम रहना इनके लिए कठिन होता है।
हां, कला के प्रति इनमें गहरी अभिरुचि होती है, इसलिए ऐसे जातक संगीत, नृत्य, चित्रकारी, शिल्पकला आदि में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इनका स्वभाव मधुर और प्रेम से ओत प्रोत रहता है। पर्सनल लाइफ की बात करें तो इनका जीवन सुखमय रहता है, ये सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का आनंद लेते हैं।
अपने मेहनत और लगन से जीवन में निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहते हैं। ये जिस विभाग या क्षेत्र में होते हैं उसमें उच्च पद तक जाते हैं। विपरीत लिंग वालों के प्रति इनमें विशेष आकर्षण देखा जाता है, इनका जीवन रोमांस से भरपूर होता है। रोहिणी के जातक सरकारी विभाग में हो या व्यवसाय में दोनों ही जगहों पर सफलता पाते है।
इन्हें माता से पूरा सहयोग मिलता है और प्रेम प्राप्त होता है। माँ के साथ इस नक्षत्र के जातक का विशेष लगाव होता है। चूंकि हृदय से भावुक और संवदेनशील होते हैं, इसलिए ये अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते। ऐसे लोग कल्पनाशील होते हैं, अगर उसी के अनुरूप अपनी कल्पना को यथार्थ बनाने का प्रयास करें तो ये काफी आगे जा सकते हैं, अन्यथा कल्पना रेत के महल बनकर रह जाते हैं।
पढ़ना जारी रखें
चंचलता के कारण, इनके जीवन में स्थायित्व की कमी पाई जाती है, क्योंकि ये हमेशा चीजों में परिवर्तन करते रहते हैं। इसके अलावा इन्हें यात्रा करना, सैर सपाटा करना काफी अच्छा लगता है, परंतु अपने घर के प्रति भी बहुत लगाव रखते हैं। जीवन साथी के प्रति आकर्षण और हृदय से लगाव रहने के कारण इनका वैवाहिक जीवन बहुत ही सुखमय और आनंदमय बितता है।
ऐसे लोग अपने मन पर बोझ लेकर नहीं चलते है इसलिए हमेशा प्रसन्न और खुश रहते हैं। दूसरों के साथ मिलजुल कर रहना ये बखूबी जानते हैं। किसी को अपनी बातों से प्रभावित कर लेते हैं। इनके बच्चे समझदार और नेक गुणों वाले होते हैं। जहां तक स्वास्थ्य की बात है, तो ऐसे जातक मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं।
एजेंट्स, जज, फैंसी आइटमों के व्यापारी, जमीन, खेती, राजकीय प्रवृत्तियों द्वारा, साहित्य आदि से धन-वैभव और सत्ता प्राप्त करते हैं। इस तरह रोहिणी नक्षत्र के जातक पतले, स्वार्थी, झूठे, सामाजिक, मित्राचार वाले, दृढ़ मनोबल वाले, बुद्धिशाली, पद-प्रतिष्ठा वाले, रसवृत्ति वाले, सुखी, संगीत कला इत्यादि ललित कलाओं में रस रखने वाले, देव-देवियों में आराध्य वाले मिलते हैं।
यह भी पढ़े – दिव्य यंत्र के लाभ, कवच बन रक्षा करते हैं दिव्य यंत्र
अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।