गर्भपात के बाद क्या करे? जाने गर्भपात के बाद घरेलू उपचार व सावधानियां
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार (Garbhpat Ke Baad Gharelu Upay): गर्भपात के बाद घरेलू उपचार करके भी आप अपनी स्थिति में लाभ प्राप्त कर सकती हैं। गर्भ की समाप्ति या अजन्मे भ्रूण को नष्ट करना गर्भपात कहलाता है। एक महिला के लिए गर्भपात होना बहुत दर्दनाक होता है जो शारीरिक और भावनात्मक रूप से भी बहुत पीड़ादायक होता है। जिससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
Garbhpat Ke Baad Gharelu Upay – गर्भपात के बाद घरेलू उपचार
(Miscarriage) गर्भपात कई चरणों में होता है और गर्भपात कई स्थितियों में हो सकता है, गर्भपात के बाद शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर करने के लिए कई घरेलू उपाय अपनाए जाते हैं, जिसके बहुत अच्छे परिणाम हो सकते हैं। जिसकी जानकारी नीचे दी गई है –
गर्भपात के लक्षण
गर्भपात के कई गंभीर लक्षण हो सकते हैं, लेकिन कई स्थितियों में गर्भपात का पता भी नहीं चल पाता है, जो डॉक्टर के संपर्क में आने पर पता चलता है। गर्भपात के लक्षण निम्नलिखित हैं-
- भूरा या गहरा लाल योनि से खून बहना
- भारी रक्तस्राव
- रक्त का थक्का आना
- पेट में ऐंठन
- पेट के निचले हिस्से में दर्द
- गंभीर पीठ दर्द
- असहनीय पीड़ा होना
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गर्भपात क्यों होता है / गर्भपात का कारण
- रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना
- गर्भाशय से जुड़ी समस्या का उत्पन्न हो जाना
- हार्मोनल असंतुलन
- मधुमेह
- थायरॉइड
गर्भपात के बाद क्या करे?
एबॉर्शन के बाद हड्डियों और मांसपेशियों को स्वस्थ रखने की बहुत आवश्यकता होती है। ऐसे में आपको आयरन और कैल्शियम से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए।
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गर्भपात में क्या खाना चाहिए / गर्भपात में क्या खाएं
- गर्भपात के बाद संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है, संतुलित आहार लेने से कमजोरी और थकान को दूर किया जा सकता है। संतुलित आहार लेने से गर्भपात के तुरंत बाद आपकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को ठीक किया जा सकता है।
- एबॉर्शन के बाद कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, गर्भपात के बाद शरीर में कैल्शियम का स्तर बहुत कम हो जाता है, जिसके लिए कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, सूखे मेवे, सोया का सेवन करना चाहिए।
- गर्भपात के बाद गुड़ का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है, गर्भपात के बाद अत्यधिक रक्तस्राव होने से शरीर में खून की कमी हो जाती है, जिससे एनीमिया और रक्त संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है। गुड़ में उचित मात्रा में आयरन होता है, जिसके नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है और रक्त में वृद्धि होती है।
- हरी सब्जियां गर्भपात के बाद की समस्याओं को दूर करने में बहुत मददगार होती हैं, हरी सब्जियों में कई खनिज और खनिज तत्व पाए जाते हैं जो गर्भपात के बाद होने वाली शारीरिक और मानसिक समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार होते हैं।
- फलों के सेवन से गर्भपात के बाद होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है गर्भपात के बाद केला, सेब, अनार जैसे फलों का सेवन करना चाहिए, इससे शरीर में ऊर्जा के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बनी रहेगी और शरीर जल्दी ठीक हो जाता है। .
गर्भपात के बाद सावधानियां
- गर्भपात के बाद पपीते का सेवन ना करें, इन परिस्थितियों में यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे फलों का सेवन करें जो विटामिन सी से भरपूर हों तथा लो फाइबर स्टार्च वाली चीजों से दूरी बना के रखें। शारीरिक श्रम करने से बचना जैसे भारी सामान उठाना, रस्सी कूदना आदि जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- इसके अलावा शराब का सेवन और धूम्रपान भी गर्भपात के बाद की समस्या को बढ़ा देता है। अपने आप को पूरी तरह से ठीक होने दें और अपना भरपूर ख्याल रखें। और गर्भपात के एक महीने बाद ही शारीरिक सम्बन्ध बनाये।
नोट : हाल ही में, अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए एक दवा को लाइसेंस दिया गया है, जिसका सेवन महिलाएं यौन संबंध बनाने के पांच दिन बाद भी कर सकती हैं। स्कॉटलैंड में शोधकर्ताओं ने पाया है कि नई गोली, यूलीप्रिस्टल Ulipristal, सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली गर्भनिरोधक गोली, लेवोनोर्जेस्ट्रल (Levonorgestrel) की तुलना में अधिक प्रभावी है।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।