बुद्धिमान होते हैं बुध लग्न के जातक
बुध लग्न के जातक (Budh lagan ke jatak): नवग्रह में बुध की गणना एक शुभ ग्रह के रूप में की जाती है, जिसके इष्ट देव के रूप में श्री गणेश को प्रतिष्ठित किया गया है। इसलिए बुध को बुद्धि, कला, स्नेह, विद्या, वाणी और संतोष का प्रतीक माना जाता है –
बुध लग्न के जातक (Budh lagan ke jatak)
कुंडली में लग्न का बुध, जातक को वाकपटु और वाचाल बनाता है। लग्न में बुध होने पर ये जातक वाणी के धनी होते हैं। इनका सेंसर ऑफ़ ह्यूमर अच्छा होता है। यह व्यक्ति ज्ञान पिपासु होते हैं, बुद्धिमान होते हैं, मगर साथ ही जल्द बाज और अधीर भी होते हैं। यह इनके व्यक्तित्व का नकारात्मक हिस्सा होता है। लेखन में इनकी विशेष रूचि होती है।
व्यापार बुद्धि भी इनमें होती है, जिस कारण ये बिजनेस के क्षेत्र में तुरंत सफल भी होते हैं। स्त्री राशि का बुध शिक्षा के अच्छे अवसर उपलब्ध कराता है, मगर पुरुष राशि का बुध होने पर शिक्षा जल्द समाप्त हो जाती है। वृषभ, कन्या व मकर राशि का बुध जातक को बड़ा व्यापारी बनाता है या बड़ी कंपनी में नौकरी दिलाता है।
कर्क, वृश्चिक और मीन का बुध जातक को रीडर, समालोचक बनाता है। मेष या सिंह में बुध हो तो जातक समालोचक या मिमिक्री आर्टिस्ट बन जाता है।
धनु राशि का बुध निर्भीक, सत्यप्रिय और मर्मभेदी लेखन वाला होता है। मिथुन का बुध होने पर जातक व्यर्थ बातों में समय गंवाता है। तुला का बुध कला और साहित्य में श्रेष्ठ अभिरुचि देता है। वही कुंभ राशि और वृश्चिक राशि में बुध स्पष्टवादी और तीखी भाषा का उपयोग करने वाला बना देता है।
लग्नस्थ बुध पर यदि पाप ग्रह का प्रभाव हो,बुध अस्त हो या शत्रु क्षेत्री हो तो शुभ प्रभाव क्षीण होते हैं। ऐसी स्थिति में वाणी दोष उत्पन्न होते हैं, भाग्य व बुद्धि क्षीण हो जाती है। बुध को मजबूत करने के लिए हरी वस्तु का प्रयोग, गणेश पूजन व पन्ना धारण करना अच्छा रहता है।
बुध प्रभावित जातक
यदि जातक की कुंडली में कन्या राशि अनुकूल अवस्था में विराजमान हो तो ऐसे लोग गंभीर प्रकृति होते हैं। उनकी साहित्य के प्रति रूचि तो होती ही है साथ में उन्हें सुन्दर स्त्रियों का सुख भी प्राप्त होता है, परंतु मिथुन राशि में हुआ तो जातक प्रिय वक्ता, लेखक बन सकता है।
बुध के शुभ दृष्टि युक्त, शुभ भाव में स्थित या बलवान होने पर बुध प्रधान जातक बुद्धिमान, उत्साहपूर्ण, कोमल ह्रदय, संवेदनशील तथा भाषण कला में निपुण अधिवक्ता, उच्च स्तरीय लेखक, गणितज्ञ या उच्च चिकित्सक बनता है। इन सबके विपरीत यदि कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति प्रतिकूल हुई तो जातक शंकालु, आलसी, गलत व्यवसाय से धनोपार्जन तथा स्वार्थी प्रकृति का हो जाता है।
ऐसे करें दोषों का उपाय
श्री गणेश बुध ग्रह के इष्टदेव हैं, इसलिए जातक को विशेष फल प्राप्ति के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत करना चाहिए। प्रत्येक बुधवार को 108 बार ॐ श्री गणेशाय नमः मंत्र का जाप करें तथा श्री गणेश के चरणों में हरी घास अर्पण करें।
बुध दोषों के कारण यदि धन हानि हो रही हो तो रेवती नक्षत्र में श्वेतार्क के पौधे को अभिमंत्रित करके विधि पूर्वक उसकी जड़ को उखाड़ कर उसे श्री गणेश की प्रतिमा का रूप बनाकर नित्य पूजन धूप-दीप दिखाएं तथा यह क्रिया 7 दिनों तक निभाने के बाद इस प्रतिमा को बहते जल में प्रवाहित कर दें। इसके अलावा पूजा स्थल पर बुधवार को श्री गणेश यंत्र स्थापित करें तथा मुख्य द्वार के ऊपर श्री गणेश की प्रतिमा लगाएं।
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