मोती रत्न के फायदे और नुकसान, जाने विभिन्न राशियों पर मोती का प्रभाव
मोती रत्न के फायदे और नुकसान (Moti ratna ke fayde aur nuksan): रतन 84 प्रकार के होते हैं। उनमें से माणिक्य, मोती, पन्ना, हीरा और नीलम ये पंच महारत्न कहे जाते हैं। इनमें से मोती का अपना महत्व है। मोती चंद्र ग्रह का रत्न है जिसका विभिन्न राशियों पर प्रभाव ही अलग है तो आइए जानते है मोती पहनने के फायदे और मोती पहनने के नुकसान के बारे में –
मोती रत्न के फायदे और नुकसान (Moti ratna ke fayde aur nuksan)
पृथ्वी पर कई कीमती और दुर्लभ रत्न उपलब्ध है, जिनका उपयोग हम अपनी ग्रह-दशा को संतुलित करने के लिए करते हैं। पर ध्यान रखने लायक बात यह है कि ग्रह दशा के लिए धारण किए जाने वाले रत्नों का इस्तेमाल किसी प्रतिष्ठित ज्योतिष की सलाह के बाद ही करना चाहिए, तभी इसका अनुकूल परिणाम प्राप्त होगा।
इन्हीं रत्नों में से एक है मोती। मोती चंद्र ग्रह का रत्न है और चंद्र का विभिन्न राशियों से व्यवहार भी अलग-अलग है। शायद इसी वजह से मोती का प्रभाव भी अलग होता है।
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मोती का विभिन्न राशियों के लिए पड़ने वाले प्रभाव इस प्रकार हैं –
मेष राशि
मेष राशि की कुंडली में चंद्र चतुर्थ भाव का स्वामी है। चतुर्थेश चंद्र, लग्नेश मंगल का मित्र है और मोती धारण करने से मेष लग्न के जातक को मानसिक शांति, विद्या लाभ, मातृ सुख, गृह शांति मिलती है। अगर यह लग्नेश मंगल के रत्न मूंगे के साथ पहना जाए, तो और भी अधिक लाभदायक होगा।
वृष राशि
वृष राशि की कुंडली में चंद्र तृतीय भाव का स्वामी है। इस लग्न के जातक को मोती कभी नहीं धारण करना चाहिए।
मिथुन राशि
मिथुन राशि में चंद्र धन भाव का स्वामी है। चंद्र की महादशा में इस लग्न राशि का जातक मोती पहनना चाहे, तो पहन सकता है। परंतु यदि इसके बिना काम चल सके, तो अच्छा होगा, क्योंकि चंद्र मारकेश भी है, परंतु कुंडली यदि चंद्र द्वितीय होकर, एकादश,दशम या नवमभाव में स्थित हो या द्वितीय ही में स्वराशि में हो, तो चंद्र की महादशा में मोती, धारण करने से लाभ होगा।
कर्क राशि
कर्क राशि में चंद्र लग्नेश है। अतः इस लग्न के राशि के जातकों को आजीवन मोती धारण करना चाहिए। मोती उनके स्वास्थ्य की रक्षा करेगा तथा आयु में वृद्धि होगी। आर्थिक संकट में भी रक्षा कवच बना रहेगा। मोती पवित्रता, शुद्धता और विनम्रता का सूचक है।
कन्या राशि
कन्या राशि में चंद्र एकादश भाव का स्वामी होता है। चंद्र की महादशा में मोती धारण करने से आर्थिक लाभ, यश प्राप्ति तथा संतान-सुख प्राप्त हो सकता है।
तुला राशि
तुला राशि में चंद्र दशमभाव का स्वामी होता है। यद्यपि चंद्र और लग्नेश मित्र नहीं है। परंतु तुला लग्न वालें को मोती धारण करने से राज्य कृपा, यश, मान, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। नौकरी या व्यवसाय में उन्नति होती है। महादशा में मोती धारण करना लाभदायक होगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि में चंद्र नवमभाव का स्वामी है। अतः मोती धारण करने से धर्म, कर्म और भाग्य में उन्नति होती है, पितृ सुख प्राप्त होता है। यश बढ़ता है।
धनु राशि
धनु राशि में चंद्र अष्टम भाव का स्वामी होता है। अतः इस लग्न के जातक को मोती कभी धारण नहीं करना चाहिए।
मकर राशि
मकर राशि में चंद्र सप्तम भाव का स्वामी होने के कारण मारकेश होता है। वह लग्नेश शनि का शत्रु भी है। अतः इस लग्न के जातक को मोती धारण नहीं करना चाहिए।
कुंभ राशि
कुंभ राशि में चंद्र लग्नेश शनि शत्रु भी है। अतः इस राशि के जातक को मोती धारण नहीं करना चाहिए।
मीन राशि
मीन राशि में चंद्र पंचम त्रिकोण युत भाव का स्वामी होता है। मोती धारण करने से जातक को संतान सुख लाभ तथा यशमान प्राप्त होता है। अतः मोती धारण करने से भाग्योन्नति भी होती है। चंद्र की महादशा मोती धारण करना विशेष फलदायी होता है।
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मोती धारण करने की विधि
- मोती को सोमवार प्रातः अथवा संध्या के समय चांदी में पिरोकर कनिष्ठा में धारण करना चाहिए।
- रत्न मोती शुक्ल पक्ष में रोहिणी, हस्त, श्रवण नक्षत्रों में धारण करना चाहिए। इसके साथ गोमेद धारण नहीं करना चाहिए। मोती 4.25 रत्ती भार का धारण करना चाहिए।
- सही स्वरूप का मोती धारण करने से ही अपेक्षित लाभ प्राप्त होते हैं।
- गोल आकर का मोती उत्तम प्रकार का होता है। मोती आकार में लंबा तथा गोल हो एवं उस के मध्य भाग में आकाश के रंग जैसा वलयाकार, अर्धचंद्राकार चिन्ह हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता को उत्तम पुत्र की प्राप्ति होती है।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।