चाणक्य के अनमोल वचन, ज्ञान, विचार और उपदेश | महान शिक्षाएं

चाणक्य के अनमोल वचन (Chanakya Ke Anmol Vachan), जिंदगी तो किसी भी तरह कट सकती है, पर उसके मायने कुछ ना निकलते है। परन्तु अगर अपनी जिंदगी सलीके और समाज में प्रतिष्ठित तरीके से जीना चाहेंगे तो, चाणक्य जैसे महान शिक्षक के ज्ञान और अनुभव का खज़ाना चाहिए ही होगा।

Chanakya Ke Anmol Vachan – चाणक्य के अनमोल वचन

चाणक्य के अनमोल वचन
चाणक्य के अनमोल वचन

चाणक्य के अनमोल वचन

दुनिए की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है।

चाणक्य

वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिसपे फल ना हों। 

मूर्खता दुखदायी है, जवानी भी दुखदायी है, लेकिन इससे कही ज्यादा दुखदायी किसी दूसरे के घर जाकर उससे अहसान लेना है।

जैसे ही भय आपके करीब आये, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये। 

शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है, एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। 

सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है : कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं, ये आपको बर्वाद कर देगा।  

सारस की तरह एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अपने उद्देश्य को स्थान की जानकारी, समय और योग्यता के अनुसार प्राप्त करना चाहिए। 

संतुलित दिमाग से जैसी  कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है। 

हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है, ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो, यह कड़वा सच है।

सेवक को तब परखें जब वह काम ना कर रहा हो,  रिश्तेदार को किसी कठिनाई में,  मित्र को संकट में,  और पत्नी को घोर विपत्ति में। 

कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों, ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी। 

वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो; लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है। 

आदमी को दूसरों की गलतियों से ही सीखना चाहिए। उसकी ज़िंदगी इतनी नहीं कि वह सारी गलतियों को खुद करके उनसे सीख ले सके।

सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों और एक मूर्ख: इन सातों को नीद से नहीं उठाना चाहिए।

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