चोर का पता लगाने का मंत्र, चोर के भय को ऐसे करें दूर
चोर का पता लगाने का मंत्र (Chor Ka Pata Lagane Ka Mantra): चोर, डकैत या लुटेरा कब किसी घर, दुकान में घुस जाए अथवा किसी को सड़क पर मिल जाए, इस बात को कोई नहीं जानता। परंतु तंत्र शास्त्र में ऐसे अनेक उपाय हैं, जिनका प्रयोग करने पर चोरी का भय जाता रहता है –
चोर का पता लगाने का मंत्र (Chor Ka Pata Lagane Ka Mantra)
तंत्र शास्त्र में चोर को घर से दूर करने के लिए कई अचूक उपाय बताए गए हैं। जिनका प्रयोग करने पर चोर-डकैत आदि के भय से घर सुरक्षित हो जाता है। भगवान भूतनाथ महेश्वर शिव की लाग उन पर लग जाती है, अतः वे घर, दुकान अथवा फैक्ट्री में घुसना तो दूर उस तरफ देख भी नहीं पाते। यही नहीं, इन टोटकों को करने के बाद महावीर हनुमान स्वयं धन और जान की रक्षा करते हैं। इसके अलावा चोरी हो जाने पर चोर का पता लगाने और अनेक व्यक्तियों के मध्य चोर को पहचानने के टोटके भी हैं।
ऊं करालिनी स्वाहा ऊं कपालिनी स्वाहा । ह्रौं ह्रीं ह्रीं ह्रीं चोर बंध ठः ठः ठः।
उपरोक्त मंत्र की एक एक माला प्रतिदिन जप कर इसे सात दिनों में सिद्ध करें। आठवें दिन किसी बाग-बगीचे या खेत में जाकर भूमि को नमस्कार करके बैठ जाएं। उसके बाद सात बार इसी मंत्र को पढ़ें और प्रत्येक बार थोड़ी-सी मिट्टी उठाकर किसी थाली या कटोरी में रखते जाएं। फिर घर आकर मुख्य द्वार पर गड्ढा खोदकर इस अभिमंत्रित मिट्टी को गाड़ दें। कोई भी चोर, डकैत अथवा दुष्टात्मा इसे लांघकर आपके घर में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
यदि आपके घर चोरी हो गई हो और आपको कुछ व्यक्तियों पर शक हो तो उन्हें किसी बहाने से अपने घर बुला लें। फिर निम्नवत् मंत्र को 21 बारे पढ़कर थोड़े से चावलों को अभिमंत्रित करें। फिर इस चावल को इनको खिला दें। जिस व्यक्ति ने चोरी की होगी उसके मुख से रक्त की धारा प्रवाहित होने लगेगी। चावल को अभिमंत्रित करने के लिए निम्न मंत्र को पढ़े –
ॐ नमो ह्रां चक्रेश्वरी चक्रधारिणी चक्रबेगि । कोटि भ्रामाभ्रामा चोर ग्राहिणी स्वाहा॥
जिन व्यक्तियों पर संदेह हो, उनका नाम अलग-अलग भोजपत्रों पर लिख लें। फिर निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करते हुए अग्नि में एक एक भोजपत्र आग में डालती जाएं। वास्तविक चोर के नाम वाला भोजपत्र आग में नहीं जलेगा, शेष सज्ञी भोजपत्र जल जाएंगे। इस प्रयोग को शनिवार या रविवार को ही करें। मंत्र इस प्रकार हैं
ॐ नमो इन्द्राग्नि बंध बंधय स्वाहा।
या इस मंत्र से अलग अलग भोजपत्रो पर संदेहास्पद व्यक्तियों का नाम लिखकर सफेद मुर्गी के एक टोकरे से ढांप दें। अब एक एक संदेहास्पद व्यक्ति से उस टोकरे पर हाथ रखने के लिए कहें। जब चोर का हाथ टोकरे पर पड़ेगा तो वह मुर्गी बोल उठेगी।
शुक्ल पक्ष के पुष्य नक्षत्र में श्वेत गुंजा की जड़ लाकर मस्तक या शय्या पर रखने मात्र से चोर का भय नहीं रहता।
किसी कुंए के तट पर रात्रि के समय बैठकर अपने इष्टदेव का एकाग्रतापूर्वक ध्यान करें। फिर निरंतर 16 दिनों तक नित्य नीचे दिए गए मंत्र का 121 बार जप करें। जप के लिए निम्न मंत्र का प्रयोग करें।
हुक्म मुदजल पकरी चोटीधर पदार के यकुद्राक।
आव मुद्दा या हक यारो या हक यारो ।।
इस प्रयोग के दौरान किसी भी रात्रि को स्वप्न में चोरी से संबंधित विवरण अवश्य दिखाई देगा।
जिन व्यक्तियों पर चोरी का संदेह हो उनके नाम अलग अलग कागज के टुकड़ों पर लिखकर आटे की गोलियों में बंद कर दें। प्रत्येक गोली को बंद करते हुए निम्न मंत्र को बोलें और किसी जलाशय में डाल दें। जो गोली नहीं डूबे उसे खोलकर देख लें। वही वास्तविक चोर होगा।
ॐ नमः किष्किंधा गिरि पपर कदली बन में फल फूल दंड तल कुंज देवी नून प्रसाद देवी अलग पावली पारम माघ बूटी चोर तेरे कुंज को देवी तेरी आज्ञा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
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