दिवाली कब है? जाने कब है धनतेरस, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा तथा भैया दूज
दिवाली कब है (Diwali Kab Hai)? जाने कब है धनतेरस, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा तथा भैया दूज: ये तो सभी जानते है कि दिवाली सिर्फ एक दिन का नहीं, 5 दिनों का त्योहार होता है। और इन पांच दिनों में पांच प्रकार की पूजा होती है। दिवाली की शुरुआत कार्तिक द्वादशी की गोवत्स द्वादशी से तथा समापन भैया दूज पर होता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है।
Diwali Kab Hai – दिवाली कब है?
दीपावली तिथि और लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
दीपावली 2021 तिथि | 24 अक्टूबर, 2022 – दिन सोमवार |
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | सायंकाल – 06:54 से 08:16 बजे तक अवधि – 1 घंटा 21 मिनट तक |
प्रदोष काल | सायंकाल 05:43 से 08:16 बजे तक |
वृषभ काल | सायंकाल 06:54 से 08:50 बजे तक |
दीपावली महानिशता काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त | रात्रि – 11:40 से 12:31 बजे तक अवधि – 0 घंटा 50 मिनट तक |
महानिशिता काल | रात्रि – 11:40 से 12:31 बजे तक |
सिंह काल | रात्रि – 01:26 से 02:44 बजे तक |
दीपावली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
सायंकाल का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल) | 05:29 से 07:18 बजे तक |
रात्रि मुहूर्त (लाभ) | 10:29 से 12:05 बजे तक |
रात्रि मुहूर्त (चल, लाभ, अमृत) | रात्रि 01:41 से प्रातः 06:27 बजे तक |
पांच दिवसीय दीपावली का शुभारंभ
1- गोवत्स द्वादशी
एकादशी – 21 अक्टूबर 2022, शुक्रवार
गोवत्स द्वादशी, वासु बरस – गोवत्स द्वादशी जैसा की नाम से ही पता लगता है की यह एक गोवंश को समर्पित सनातनी त्योहार है जिसे धनतेरस से एक दिन पहले मनाये जाने की परम्परा है। यह उत्सव, गाय और बछड़ों की पूजा करके मनाया जाता है। यह उत्सव उनके प्रति सच्ची कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है।
2- धनतेरस
द्वादशी – 22 अक्टूबर 2022, शनिवार
धनत्रयोदशी, धनतेरस, धन्वंतरि त्रयोदशी, यम दीपम – इसे धन त्रयोदशी या धनवंतरी त्रयोदशी भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन मुख्यतः आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी, जिन्हें देवताओं का चिकित्सक भी कहा जाता है, की धनत्रयोदशी पर पूजा की जाती है। जिसे मानव जाति के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण से जोड़ के देखा जाता है।
3- काली चौदस
त्रयोदशी – 23 अक्टूबर 2022, रविवार
काली चौदस, हनुमान पूजा – काली चौदस माता काली को समर्पित है। काली चौदस को देवी काली की मंत्रोच्चार के साथ रात में पूजा की जाती है। भक्तगण चढ़ावे में माता को फूल, मछली, मांस, चावल और मिठाई चढ़ाते है। कही कही तो पशु बलि भी दी जाती है।
ऐसा मान्यता है कि काली चौदस की रात को बलि का भी प्रावधान होने की वजह से बुरी और शैतानी आत्माएं भी सक्रीय हो जाती है। जो बहुत क्षति भी पहुँचा सकती है, तो ऐसे में भगवान हनुमान की पूजा का भी प्रचलन है जो बुरी और शैतानी आत्माओ के प्रभाव से मानव जाति की रक्षा करते है।
4- दीपावली
अमावस्या – 24 अक्टूबर 2022, सोमवार
नरक चतुर्दशी, दीपावली लक्ष्मी पूजा – दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। जो की मुख्य रूप से धन और समृद्धि की देवी, माँ लक्ष्मी को समर्पित है। माता लक्ष्मी का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन भक्तगण अपने अपने घर दीपक के प्रकाश से सराबोर कर देते है तथा माता लक्ष्मी से अपने और अपने परिवार की सुख – समृद्धि के लिए विधिवत पूजा और प्रार्थना करते है।
5- गोवर्धन पूजा
प्रतिपदा – 25 अक्टूबर 2022, मंगलवार
गोवर्धन पूजा, अन्नकुट – अन्नकूट पूजा, जिसे गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है। मुख्यतः यह भगवान कृष्ण को समर्पित त्यौहार है। इस दिन भक्तगण अनेकों प्रकार के व्यंजन तैयार करते हैं और भगवान कृष्ण और अन्य देवताओं को चढ़ावे के रूप में चढ़ाते है तथा उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते है कि उन्होंने हमें अन्न सम्पन्नता प्रदान की है।
6- भैया दूज
द्वितीया – 26 अक्टूबर 2022, बुधवार
भैया दूज, यम द्वितीया – भैया दूज या भाई टीका एक हिंदू भाई-बहन का त्योहार है और यह भारतीय त्योहारों में सबसे ज्यादा खुशी से मनाया जाता है।
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