ड्राइंग रूम वास्तु, घर का हाल बताते हैं हॉल
ड्राइंग रूम वास्तु (Drawing Room Vastu): सामान्यतः ड्राइंग रूम घर के अगले हिस्से में बनाया जाता है। यह वह स्थान है जिसकी बनावट और स्थान को देखकर घर के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है। आइए जानें, हॉल के बारे में वास्तु का क्या है विचार?
ड्राइंग रूम वास्तु (Drawing Room Vastu)
ड्राइंग रूम किसे कहते हैं? ड्रॉईंग रूम यानी हॉल घर का वह हिस्सा है जहां घर के सभी लोग बैठते हैं। वास्तु में इस स्थान को विशेष महत्व दिया गया है।
वास्तु के अनुसार ड्राइंग रूम
- मुख्यद्वार के दाएं हाथ की खिड़की के पास हॉल हो, जहां मेहमान या बाहर के लोग आकर बैठते हों या घर के लोग आराम करते हों, उस घर का मुखिया या उसका कोई बेटा बहुत शिक्षित और बुद्धिमान होता है और सभी लोग उसे पसंद करते हैं।
- यदि मुख्य द्वार के बाएं हाथ की खिड़की हॉल से जुड़ी हो तो घर की मालकिन और उसकी कोई बेटी बहुत ही संवेदनशील और बुद्धिमान होती हैं। वे दूसरों को अपने स्वभाव के कारण बहुत सरलता से धोखा दे देती हैं। उनके इस स्वभाव के कारण उन्हें आरोपों का सामना करना पड़ता है।
- यदि पूजा का कमरा, साफ-सुथरे, सुंदर हॉल के साथ जुड़ा हो या किसी दरवाजे के माध्यम से जुड़ा हुआ हो या फिर हॉल के अंदर ही हो तो घर का मुखिया जमीन जायदाद से पैसा कमाता है। वह बहुत बुद्धिमान एवं विद्वान होता है।
- घर का एक सदस्य अपने पिता के समान बुद्धिमान, पैसे वाला और विद्वान होता है। मुखिया को सभी लोग पसंद करते हैं और उसे पत्नी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है। उसे उसके व्यापारिक मित्रों से विभिन्न प्रकार के लाभ बिना किसी विशेष मेहनत के प्राप्त होते हैं। वे बहुत रोमांटिक प्रवृत्ति के होते हैं।
- उसे उसके पुरुष या महिला मित्रों से बहुत लाभ प्राप्त होता है। ऐसे घर में रहने वाले लोग व्यवहार कुशल, आज्ञाकारी और वाक्पटु होते हैं।
- जिन घरों में जगह न होने के कारण हॉल के अंदर ही देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाई जाती है, पूजा की जाती है, उस घर के सभी सदस्य बुद्धिमान होते हैं। ध्यान रखना चाहिए कि हॉल में रोशनदान और खिड़कियों की समुचित भी व्यवस्था हो।
- जगह न होने या मकान के छोटे होने के कारण खाना कुछ लोग हॉल के अंदर ही खाना बनाने की व्यवस्था करते हैं या रसोई हॉल के ठीक सामने होती है। वास्तु की मानें, तो यह बहुत ही खतरनाक और अशुभ होता है।
- इस कारण गृहस्वामी की रिश्तेदारों के साथ शत्रुता रहती है। उसके सारे मित्र उससे धीरे-धीरे दूर होते जाते हैं। पत्नी को गर्भधारण में या बच्चा होने में परेशानियां आती हैं। साथ ही बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की नहीं कर पाते।
- यदि घर के हॉल के अंदर ही पानी का भूमिगत स्रोत हो, तो गृहस्वामी को पुरुष और स्त्री मित्रों से धोखा मिलता है। वह स्वयं मित्रों को धोखा देता है। इसके अतिरिक्त उसका सबसे छोटा भाई या बहन हमेशा के लिए बहुत दूर रहने चली जाती है।
- जिस घर के हॉल को पति-पत्नी अपने शयनकक्ष की तरह उपयोग में लें और उसका कोई भाग घर के पैसे और गहने रखने के काम में आ रहा हो, तो उस घर की स्त्री बुद्धिमान, सुंदर, बातचीत से सबको प्रभावित करने वाली होती है। साथ ही घर का मुखिया व्यापार में जमीन जायदाद में बहुत अच्छा पैसा सरलता से कमाता है और विलासिता के सब सुख साधनों का उपभोग करता है।
- हॉल के अंदर लोहे की तिजोरी में पैसा रखना बहुत शुभ और अच्छा होता है।
- जिस घर में हॉल के अंदर ही खाद्यान्न रखने की व्यवस्था हो या जिस घर का स्टोर रूम हॉल से जुड़ा हुआ हो, उस घर के लोग बुद्धिमान और अक्लमंद होते हैं। वे लेखक होते हैं, उन्हें व्यापार में लाभ होता है। घर का मुखिया बहुत ही सात्विक, गुणी और भला होता है और उसे महिला मित्रों से बहुत ही ज्यादा सहयोग प्राप्त होता है।
- जिस घर के हॉल में अंधेरा रहता हो, रोशनदानों की कमी हो और बहुत बड़ा और चौड़ा दरवाजा लगा हो, उस घर के मुखिया का कारोबार बहुत बड़ा होता है।
- जिस घर का हॉल बहुत बड़ा हो, खिड़कियां छोटी हों, रोशनी और रोशनदान की व्यवस्था सही न हो या हॉल बहुत ऊंचा और लंबा हो, परंतु चौड़ा कम हो और वहां ऊपर की तरफ छोटी-छोटी खिड़कियां हो, उसमें बुरी आत्माओं के वास का भय रहता है। उस घर में रहने वाले लोग प्रायः अशांत, नाखुश रहते हैं। इसके विपरीत यदि हॉल लंबा, चौड़ा और ऊंचा हो और उसमें खिड़कियां हों, तो यह शुभ होता है। उसमें रहने वाले बुद्धिमान होते हैं।
- यदि किसी हॉल का प्रवेशद्वार किसी संकरे गलियारे में हो या हॉल ही अपने आप में एक गलियारा हो या गलियारे का हिस्सा हो, तो उस घर का मुखिया पढ़ा-लिखा, बुद्धिमान और किसी विषय का विशेषज्ञ होता है।
- यदि हॉल के अंदर गंदे पानी की निकासी या चैम्बर हो, हॉल बहुत छोटा या पूंछ जैसा हो, या स्नान घर से सीधे जुड़ा हुआ हो तो घर का मुखिया जोड़ तोड़ करने वाला, मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास करने वाला होता है।
- घर के किसी व्यक्ति की शादी में बाधा आती है। घर का मुखिया जमीन जायदाद से धन कमाता है परंतु उसको हमेशा मानसिक अशांति रहती है। वह हमेशा दूसरों के उपकार में लगा रहता है और उसे काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
- घर के मुख्यद्वार से जुड़े हॉल का फर्श खराब हो, या उसमें कबाड़ रखा हो, तो उसमें रहने वालों को मानसिक अशांति और बच्चों में आपसी समझ की कमी रहती है। नौकरी में तरक्की भी नहीं हो पाती।
- कई बार किसी हॉल का एक कोना अलग से निकला हुआ होता है। इसे वास्तु दोष माना जाता है। इस दोष से परिवार में कलह, मतभेद आदि की संभावना रहती है। व्यवसाय में बाधाएं आती रहती हैं।
- लेकिन हॉल का कोना दक्षिण-पूर्व में बढ़ा हुआ हो और उसी जगह पर भोजन बनता हो, तो मुखिया का अपने भाइयों, दोस्तों और घर के अन्य सदस्यों से मतभेद रहता है।
इस तरह वास्तु सम्मत हॉल का निर्माण कर आप घर में समृद्धि ला सकते हैं।
यह भी पढ़े – वास्तु के अनुसार करें भूमि का चयन, वास्तु सम्मत ही हो भूमि का चयन
अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।