घर में कपूर जलाने के फायदे, शयन कक्ष में कपूर जलाने से नहीं आते हैं बुरे सपने
घर में कपूर जलाने के फायदे (Ghar Mein Kapoor Jalane Ke Fayde): तंत्र विद्या में विभिन्न रोगों के निवारण के लिए कई उपाय बताए गए हैं। जिनकी प्रक्रिया छोटी और सरल है जिन्हें आप भी आजमा सकते हैं-
घर में कपूर जलाने के फायदे (Ghar Mein Kapoor Jalane Ke Fayde)
रोग निवारण के उपाय
1. रुद्राक्ष
हृदय विकार या रक्तचाप के लिए एकमुखी या सोलहमुखी रुद्राक्ष श्रेष्ठ होता है। इनके न मिलने पर ग्यारहमुखी, सातमुखी अथवा पांचमुखी रुद्राक्ष का उपयोग भी कर सकते हैं। धारण करने से पहले रुद्राक्ष को लेकर श्रावण माह में किसी प्रदोष व्रत के दिन अथवा सोमवार के दिन, गंगाजल से स्नान करा कर शिवजी पर चढ़ाएं, फिर संभव हो तो रुद्राभिषेक करें या शिवजी पर ऊं नमः शिवाय बोलते हुए दूध से अभिषेक कराएं। इस प्रकार अभिमंत्रित रुद्राक्ष को काले डोरे में डाल कर गले में पहन लें। इससे हृदय संबंधी बीमारी में राहत मिलती है।
2. कपास
कपास के पांच फूल को रविवार शाम आधा कप पानी में भिगो दें। सोमवार को सुबह उठकर फूल निकाल कर पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे।
3. कपूर
घर में नित्य घी का दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय लौ पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर हो या दीपक के मध्य में बाती लगाना शुभ फल देने वाला है। इसके अलावा रात्रि के समय शयन कक्ष में कपूर जलाने से भी बीमारियां, दुःस्वपन नहीं आते, पितृ दोष का नाश होता है और घर में शांति बनी रहती है।
4. खीर
पूर्णिमा के दिन चांदनी में खीर बनाएं। ठंडी होने पर चन्द्रमा और अपने पितरों को भोग लगाएं। कुछ खीर काले कुत्तों को दे दें। वर्ष भर पूर्णिमा पर ऐसा करते रहने से गृह क्लेश, बीमारी तथा व्यापार हानि से मुक्ति मिलती है।
5. हलवा, गौ-दान व तुलसी
पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं। पीपल के पेड़ की लकड़ी सिरहाने रखें। यदि पत्नी बीमार रहती हो तो गौ दान करना चाहिए। जिस घर में स्त्री को निरंतर स्वास्थ्य की पीड़ाएं रहती हो, उस घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी श्रद्धापूर्वक देखभाल करने से रोग पीड़ाएं समाप्त होती है। इसके अलावा मंदिर आदि में गुप्त दान भी कर सकते है। रविवार के दिन बूंदी के सवा किलो लड्डू मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटे।
सोते हुए अपना सिर हमेशा पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने वाले व्यक्ति में चुम्बकीय बल रेखाएं पैर से सिर की ओर जाती हैं, जो अधिक से अधिक रक्त खींच कर सिर की ओर लाएंगी, जिससे व्यक्ति विभिन्न रोगों से मुक्त रहता है और अच्छी निद्रा प्राप्त करता है।
अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार औषधि सेवन के पश्चात भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उबार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को खिला दें। अवश्य ही इन 3 दिनों के अंदर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा। टोटके को बीच में रोकना नहीं चाहिए।
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