ग्रह शांति के उपाय, सस्ते में पाएं रत्न जैसा प्रभाव
ग्रह शांति के उपाय (Grah Shanti Ke Upay): कुछ भी हो, ग्रहों-नक्षत्रों के प्रति लोगों की आस्था कभी कम नहीं होती। ग्रह शांति के लिए अक्सर ऐसे लोग ज्योतिषी की सलाह पर पुखराज, मूंगा, माणिक्य जैसे महंगे रत्न धारण भी करते हैं, लेकिन वे लोग जो इन रत्नों को खरीद पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए क्या कोई दूसरा विकल्प है ? यदि हां, तो क्या है? आईये जाने –
ग्रह शांति के उपाय (Grah Shanti Ke Upay)
ग्रह शांति के लिए पेड़-पौधों के उपाय
जन्म कुंडली का अध्ययन करके रत्न ज्योतिषी, व्यक्ति के लिए उपयुक्त रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। कौन-सा रत्न कब पहनना है और उसका क्या फायदा है, इसकी जानकारी कुंडली में मिलती है। लेकिन इनमें से कुछ रत्न महंगे होते हैं, जिसे सभी खरीद नहीं पाते।
खैर कोई बात नहीं अगर आप इन रत्नों को नहीं खरीद पाते तो आपके लिए कुछ विशेष प्रकार के पेड़ पौधे हैं जिनको धारण कर ग्रह शांति का उपाय किया जा सकता है। जिसे ग्रहों की अनुकूलता एवं प्रतिकूलता के अनुरूप धारण किया जा सकता है। यों तो लकड़ियों का इस्तेमाल यज्ञ, जप, धार्मिक अनुष्ठान में होता ही है लेकिन इसका प्रयोग अब ज्वेलरी के रूप में भी होने लगा है।
ज्योतिष के अनुसार, पेड़-पौधों का भी काल चक्र में सूर्य-चंद्र आदि नवग्रहों और ज्योतिष से घनिष्ठ संबंध होता है। हवन यानी यज्ञ में लगने वाली सामग्री (समिधा) विभिन्न पेड़-पौधों एवं वनस्पतियों से निर्मित होती है। ऐसे में जो लोग कीमती रत्न खरीदने में असमर्थ हों, वे पेड़-पौधों के पत्ते या जड़ की सहायता ले सकते हैं। इनका भी प्रभाव रत्नों के समान ही होता है।
सूर्य ग्रह शांति के उपाय
यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर, नीच या अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो माणिक्य के बदले बेल-पत्र को लाल या गुलाबी धागे में रविवार को धारण करें। इससे अशुभ प्रभाव में कमी आएगी।
चंद्रमा शांति के उपाय
आपकी कुंडली में चंद्र दूषित हो या अशुभ होकर जातक को बीमार बनाती हो तो सोमवार को सुबह खिरनी की जड़ सफेद धागे में धारण करें। इसका प्रभाव मोती के समान ही होता है।
मंगल ग्रह शांति के उपाय
यदि आप मांगलिक है और कुंडली में मंगल आठवें या बारहवें भाव में स्थित है तो मंगलवार को दोपहर के समय अनंत मूल की जड़ को लाल धागे में धारण करें। शुभ प्रभाव शीघ्र दिखेगा।
बुध ग्रह शांति के उपाय
यदि आपकी कुंडली में बुध कमजोर हो और नकारात्मक प्रभाव दे रहा हो, तो बुधवार की सुबह विधारा की जड़ को, हरे धागे में बांध कर हाथ में धारण करें।
गुरु ग्रह शांति के उपाय
कुंडली में गुरु का भाव अशुभ हो और धन आदि की हानि हो रही हो तो इसके लिए भारंगी या केले की जड़ गुरुवार को दोपहर के समय पीले धागे में धारण करें। इससे गुरु फलित होता है तथा जातक के ऊपर गुरु की कृपा बनी रहती है।
शुक्र ग्रह शांति के उपाय
शुक्र प्रेम का प्रतीक ग्रह है। यदि कुंडली में यह नीच स्थिति में हो तथा केन्द्राधिपति दोष से ग्रस्त हो तो शुक्रवार की सुबह सरपोरवा की जड़ सफेद धागे में पहनें। इससे शुक्र बलवान होता है तथा शुभ प्रभाव देता है।
शनि ग्रह शांति के उपाय
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या की स्थिति में नीलम की जगह शनिवार की सुबह नीले धागे में बिच्छू की जड़ धारण करना शुभ माना जाता है।
राहु शांति के उपाय
राहु ग्रह की अशुभता दूर करने के लिए सफेद चंदन का टुकड़ा नीले धागे में बुधवार को पहनें, इससे लाभ होगा।
केतु शांति के उपाय
केतु ग्रह की शुभता प्राप्त करने हेतु अश्वगंध की जड़ को नीले धागे में गुरुवार को धारण करें। केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त होता है। इस तरह आप महंगे रत्नों के बदले पेड़ पौधों के पत्ते या जड़ को शुभ दिन धारण कर ग्रहों के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
यह भी पढ़े – माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए, माणिक्य पहनना कब होगा फलदायी ?
जानिए! किस के साथ किस रत्न को नहीं पहनें
अकसर कुछ बिना सोचे समझें एक साथ कई रत्नों को धारण कर लेते हैं। जिसका जातक पर विपरीत प्रभाव होता है। रत्न ज्योतिष के अनुसार चंद्र रत्न मोती के साथ उसके शत्रु राहु का रत्न गोमेद नहीं पहनना चाहिए। वहीं मंगल रत्न मूंगे के साथ गोमेद धारण करना वर्जित माना गया है। जबकि हीरा तथा नीलम साथ पहनने का निषेध है। पन्ने के साथ मोती कभी नहीं पहनें। क्योंकि बुध, चंद्रमा को अपना शत्रु मानता है।
गुरु रत्न पुखराज के साथ हीरा तथा नीलम नहीं पहनें। वैसे ही शुक्र रत्न हीरे के साथ माणिक्य, मूंगा तथा पुखराज भी नहीं धारण करना चाहिए। शनि रत्न नीलम के साथ माणिक्य, मूंगा तथा पुखराज कदापि धारण न करें। छाया ग्रह राहु-केतु के रत्न गोमेद-लहसुनिया के साथ माणिक्य, मोती तथा मूंगा भी निषेध है। इस तरह विभिन्न रत्नों को धारण करने से पहले रत्नों के युति पर विचार अवश्य करें।
यह भी पढ़े – हीरा रत्न पहनने के फायदे । मान-प्रतिष्ठा पानी हो, तो पहने हीरा
अस्वीकरण – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए हैं। Mandnam.com इसकी पुष्टि नहीं करता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले, कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।