जलवायु परिवर्तन के पीक से केवल पांच साल की दूरी पर है, दुनिया – मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी
जलवायु परिवर्तन के पीक से केवल पांच साल की दूरी पर है, दुनिया
लू, बारिश के साथ पानी की कमी बढ़ेगी, धरती के गर्म होने का रिकॉर्ड टूटने का खतरा।
जलवायु परिवर्तन के पीक से केवल पांच साल की दूरी पर है, दुनिया
आने वाले 5 साल 2021 से 2025 के बीच 1 साल ऐसा होगा जो सबसे अधिक रिकॉर्ड गर्मी वाला होगा। जो दुनिया भर में धरती के गर्म होने का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। यह गर्मी 40 फीसदी तक 1.5 डिग्री तापमान बढ़ने के खतरे तक होगी।
और जैसे ही तापमान बढ़ेगा तो लू, अत्यधिक बारिश और पानी की कमी भी बढ़ सकती है यह दावा अमेरिका सहित दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन (WMO) की रिपोर्ट में किया है।
20% से बढ़ाकर 40 परसेंट हुआ तापमान बढ़ने का खतरा
मौसम विज्ञान लियोन हर्मनसन का कहना है पिछले एक दशक में 1. 5 डिग्री तापमान बढ़ने की आशंका मात्र 20 % थी लेकिन अब जो नई रिपोर्ट आई है उसमें यह खतरा 40 % बताया गया है। ऐसा होता है तो 2015 में वह पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित तापमान से ऊपर उठ जाएगा इसे रोकने के लिए तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है क्योंकि अब समय बहुत कम बचा है।
पेरिस जलवायु समझौता में 195 देशों की सरकारें ने फ्रांस के पेरिस में इकट्ठा होकर के ये लक्ष्य तय किया कि दुनियाभर में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करके धरती के तापमान को लगभग 2 डिग्री तक कम किया जा सकेगा। यह समझौता 30 नवंबर 2015 से 11 दिसम्बर 2015 के बीच हुआ था।
बर्फ पिघलेगी, जिससे समुद्र जल का स्तर बढ़ेगा
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन(WMO) के महासचिव प्रो. पेटेरी तालस के अनुसार, तापमान बढ़ने से बर्फ का पिघलना तय है जिससे समुद्र के जल का स्तर बढ़ेगा। जिसके बाद मौसम बिगड़ेगा और जिससे खाना, सेहत, पर्यावरण और विकास पर असर पड़ेगा। दुनियाभर में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन घटाने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है। रिपोर्ट बताती है कि यह समय सतर्क होने का है।
दक्षिण एशिया के लिए बढ़ता खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र के करीब 60 फीसदी लोग खेती-किसानी करते हैं, वही दुनिया की करीब एक चौथाई आबादी दक्षिण एशिया में रहती है। और यह क्षेत्र पहले से ही सबसे ज्यादा गर्मी की मार झेलता रहा है। ऐसे में बढ़ता तापमान यहां के लिए बड़ा खतरा है। उन्हें खुले मैदान में काम करना पड़ता है, ऐसे में उन पर लू का जोखिम बढ़ेगा।
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