चाणक्य नीति: सफलता के शिखर पर पहुँचने के लिए, जानने होंगे आपको इन 6 सवालों के जवाब
जीवन में सफलता के लिए चाणक्य नीति (Chanakya Niti For Success in Life): आज के समय में ज्यादातर लोगों को पैसों से जुड़ा सुख पाने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। फिर भी बहुत कम ही लोग बहुत श्रम के बाद भी पर्याप्त प्रतिफल प्राप्त कर पाते हैं। और फिर मन ही मन सोचते है कि काश कुछ ऐसा मिल जाये जिसकी मदद से हम धनवान होने की सफलता का स्वाद चखें। तो आज हम उस चाणक्य नीति के बारे में जानेंगे, जिससे हम अपने कार्यों में सफलता को सुनिश्चित कर सकते हैं।
जीवन में सफलता के लिए चाणक्य नीति (Jivan Mein Safalta ke Liye Chanakya Niti)
चाणक्य नीति के चौथे अध्याय का 18वां श्लोक इस प्रकार है।
क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।
कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु:।।
जिसमें आचार्य चाणक्य ने बताया है कि हमें काम में सफलता पाने के लिए हमेशा 6 बातों के बारे में सोचते रहना चाहिए। अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर अपना काम करते हैं तो, सफलता मिलने की संभावना शत प्रतिशत हो जाती है। और आप सफलता के शिखर पर पहुँच सकते है।
1. पहली बात: कैसा समय (परिस्थिति) है
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वही व्यक्ति समझदार है, जो इस प्रश्न का उत्तर हमेशा जानता है। समझदार व्यक्ति जानता है कि वर्तमान समय कैसा चल रहा है और उसी के आधार पर वह अपना कार्य करता है। यदि सुख के दिन हैं तो अच्छे कर्म करते रहना चाहिए और यदि दुःख के दिन हैं तो अच्छे कर्मों में धैर्य रखना चाहिए। दुख के समय धैर्य की कमी आपदा का कारण बन सकती है।
2. दूसरी बात: कौन मेरे मित्र हैं
हमें ये अच्छे से पता होना चाहिए कि हमारे सच्चे मित्र कौन कौन हैं और मित्र के वेश में छुपे दुश्मन कौन हैं। यदि हम मित्र के वेश में छुपे शत्रु को नहीं पहचानेंगे तो हमें अपने हर कार्य में असफलता मिलेगी। एक सच्चा मित्र ही अच्छी सलाह दे सकता है। इसलिए जरूरी है कि सही मित्र की पहचान सही से की जाए।
3. तीसरी बात: मैं किस देश में हूं
किस देश में हूँ यानी हम जहां काम कर रहे होते हैं, वह जगह, शहर और वहां के हालात कैसे हैं? कार्यस्थल पर सहकर्मी कैसे हैं। अगर आप इन सब बातों को ध्यान में रखकर अपना काम करेंगे तो सफलता होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
4. चौथी बात: मेरी आय और तदनुसार व्यय कितना है
एक समझदार व्यक्ति वही है, जो अपनी आय और व्यय के बारे में सटीक जानकारी रखता है। अपनी आमदनी देखकर ही खर्च करना चाहिए। जो लोग अपनी आय से अधिक खर्च करते हैं, वह सुखी नहीं रह पाते है। इसलिए धन से संबंधित सुख प्राप्त करने के लिए कभी भी आय से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए। अगर आप आमदनी से कम खर्च करते हैं तो थोड़ा ही सही, पर पैसा जमा कर पाएंगे।
5. पाँचवाँ बिंदु: मैं कौन हूं
हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा मैनेजर, कंपनी, संगठन या बॉस हमसे क्या चाहता है। हमें उसी तरह काम करना चाहिए, जिससे संगठन को फायदा हो। यदि संगठन को लाभ होता है तो कर्मचारी को लाभ मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
6. आखिरी बात: मुझ में कितनी शक्ति है
आखिरी बात सबसे महत्वपूर्ण है, हमें पता होना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं। हमें केवल वही कार्य करना चाहिए, जिसे पूरा करने की हमारे पास शक्ति हो। अगर हम अपनी क्षमता से ज्यादा काम अपने हाथ में लें लेंगे तो उसमें असफल होना तय है। ऐसे में कार्यस्थल और समाज में हमारी छवि पर बुरा असर पड़ेगा।
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