जाने कीड़ा जड़ी (Yarsagumba) क्या है? कीड़ा जड़ी के क्या फायदे हैं ?
कीड़ा जड़ी (Yarsagumba) क्या है (Keeda Jadi Kya Hai): यार्सागुम्बा नेपाल, तिब्बत में पाए जाने वाले कैटरपिलर और फंगस का एक दुर्लभ संयोजन है। यह प्राकृतिक रूप से हिमालय में 3500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी बहुत मांग है, इसलिए कीड़ा जड़ी का भाव बहुत अधिक है। यह अपने कामोत्तेजक गुणों के लिए मशहूर है। तो आईये जानते है इसके बारे में विस्तार से –
कीड़ा जड़ी (Yarsagumba) क्या है (Keeda Jadi Kya Hai)?
Yarsagumba The Himalayan Viagra – हिमालय पर कीड़ों और फंगस से बना दुनिया का सबसे महंगा वियाग्रा – यारशागुंबा। कीड़ा जड़ी प्राइस इन इंडिया, 30-40 लाख प्रति किलोग्राम है।
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ऐसे बनती है कीड़ा जड़ी (Yarsagumba)
कीड़ा जड़ी एक प्रकार का कवक है, यह जड़ी-बूटी पहाड़ों में लगभग 3500 मीटर की ऊँचाई पर पाई जाती है, जहाँ पर ट्रीलाइन समाप्त होती है, अर्थात् जहाँ पेड़ उगना बंद हो जाते हैं। एक कीट का प्यूपा लगभग 5 साल पहले से हिमालय और तिब्बती पठारों में भूमिगत रहता है। अपने लार्वा गठन के दौरान, इसके ऊपर ओफियोकार्डिपिटेसियस वंश के कवक द्वारा हमला किया जाता है, जो इसे अपने वेब में लपेटकर कीट को मार देता है। इसके बाद यह मोल्ड लार्वा के शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह लार्वा से ऊर्जा को चूसता है और कीट के सिर के माध्यम से अपना रास्ता बनाता है। इसके बाद लार्वा (मृत कैटरपिलर) के माथे से यह फफूंदी (मशरूम) निकलती है। जो 2 इंच लंबी होती है। इस प्रकार कीड़ा जड़ी प्राप्त होती है।
कीड़ा जड़ी कहां मिलती है
यह हिमालय की पहाड़ियों में 3500 मीटर की ऊंचाई पर तिब्बत और नेपाल में पाया जाता है। यह नेपाल में दारचुला, डोलपा, जुमला, मुगु, बजंग, रुकुम, म्यागदी, मनांग, गोरखा, रासुवा, सिंधुपालचौक और संखुवासभा जिलों में पाया जाता है।
यहां के लोग मई-जून के महीने में कीड़ा जड़ी की तलाश में घर से निकल जाते हैं। क्योंकि इन दिनों में बर्फ पिघलती है, तो कीड़ा जड़ी प्राप्त होती है।
यह भारत में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में पाया जाता है। विलुप्त होने के कारण, इसे भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीन में इसकी काफी डिमांड है। इस गांव में चीन के लोग गुपचुप तरीके से आते हैं। और वहां के लोगों से खरीद कर चीन में बहुत ऊंचे दामों पर बेचते हैं।
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कीड़ा जड़ी के फायदे
- आयुर्वेद के अनुसार यह सांस और गुर्दे की बीमारियों के लिए फायदेमंद है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
- लोगों का मानना है कि इससे मर्दाना ताकत बढ़ती है। इसलिए इसे हिमालयन वियाग्रा कहा जाता है। ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल मर्दाना ताकत बढ़ने के लिए ही करते हैं।
- शोधों से पता चला कि यह अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है।
- सिक्किम में इसे हर बीमारी का दावा कहा जाता है। इसके और क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, इस पर अभी शोध चल रहा है।
- यदि किसी रोग या किसी कारण से कमजोरी हो तो इसके सेवन से शरीर में शक्ति और ऊर्जा आती है।
- इसका उपयोग भूटान में मधुमेह से बचाव के लिए भी देखा गया है। भूटान के लोग इसे रात में पानी में भिगोकर रख देते हैं और अगले दिन सुबह इसे टॉनिक के रूप में सेवन करते हैं।
- कीड़ा जड़ी की तलाश करने वाले लोग इससे काफी पैसा कमाते हैं। एक नेपाली अखबार के मुताबिक यहां के लोग दो – तीन महीने में 6 लाख तक रुपये कमा लेते है। कहा जाता है कि चीन के लोग नेपाल के गांवों में जाते हैं और वहां से 500 रुपए में एक कीड़ा खरीदते हैं। चीन में यह एक कीट 2000 रुपये में बिकता है।
सावधानियाँ
कुछ लोगों का कहना है कि इसे लेने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे कई बार लोगों को इसे लेने के बाद पेट में हल्का दर्द हुआ। यह रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। अगर इसे लेने के बाद आपको कोई एलर्जी है, तो तुरंत वैद्य या डॉक्टर से संपर्क करें।
हमें उम्मीद है कि आपको हमारे इस लेख के माध्यम से यार्सागुम्बा के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको इस लेख के बारे में कोई संदेह है या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार हो तो आप इसके लिए नीचे कमेंट लिख सकते हैं।
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