मंगल यंत्र के लाभ, रिश्ते मधुर बनाए मंगल यंत्र
मंगल यंत्र के लाभ (Mangal Yantra Ke Labh): वास्तुदोष हो या अन्य कोई पारिवारिक परेशानी, ज्योतिष में इसके निवारण के लिए विभिन्न तरह के यंत्रों की चर्चा की गई हैं। इसी में से एक है मंगल यंत्र, जो दांपत्य सुख को बढ़ाने के साथ संबंधों में मधुरता भी लाता है।
मंगल यंत्र के लाभ (Mangal Yantra Ke Labh)
Mangal यंत्र के लाभ
किसी विशेष कार्य को करने के लिए लोगों में अनेक संसय उत्पन्न होते हैं, मसलन कार्य सफल होगा या नहीं, ऐसी भावनाएं बार-बार मन में उठती हैं। कई बार कार्य असफल भी हो जाते हैं। ऐसे में परेशान होना स्वाभाविक भी है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में कार्यों को सफल बनाने हेतु मंगल यंत्र को सबसे ज्यादा कारगार माना गया है। बिना किसी परेशानी के सफलता पाने के लिए यह यंत्र अत्यंत उपयोगी है इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा होती है। तो आइए जानें इस यंत्र के और क्या-क्या लाभ हैं।
अगर विदेश चाहते हैं लेकिन किसी न किसी कारणवश आप सफल नहीं हो पा रहे हैं तो इस यंत्र का प्रयोग आपके लिए बेहतर परिणाम वाला होगा। इसके अलावा राजनीति, गृहस्थ जीवन, नौकरी-पेशा आदि में इस यंत्र का उपयोग करने से सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है। इस यंत्र की चल एवं अचल दोनों तरह से प्रतिष्ठा होती है।
जब वाहन, नौकरों से कोई न कोई तकलीफ रहती हो, व्यापार व्यवसाय में भयानक उतार चढ़ाव आते हों और बिजनेस में घाटा हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में व्यापारिक एवं व्यावसायिक स्थिति अनुकूल होने के लिए इस यंत्र की पूजा उपासना करना उचित होगा।
अथक परिश्रम करने के बाद भी वांछित सफलता, जिन्हें नहीं मिलती तथा कार्यों में असफलता मिलती है। बार-बार अपयश का सामना होता है। तो ऐसी स्थिति में यह यंत्र अत्यंत लाभकारी है। बेहतर परिणाम के लिए इस यंत्र की चल-अचल दोनों प्रतिष्ठा करवाएं।
आवश्यक निर्देष
इस यंत्र के सम्मुख सिद्धि विनायक मंत्र जप करने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है तथा अकारण हुए अपमान का शत्रु प्रायश्चित करता है और जीवन पर्यंत सम्मान प्रदान करता है।
विवाह योग्य पुत्र या पुत्री के विवाह में बाधा आना, विवाह के लिए पुत्र या पुत्री का सीमाओं को लांघ कर सामाजिक मर्यादा को तोड़ना, विवाह के बाद पति-पत्नी में तकरार होना, विवाहित दंपत्ति में किसी न किसी कारण मनमुटाव होना या संतान सुख से वंचित होना जैसी समस्याओं के निवारण हेतु मंगल यंत्र को पूजना फलदायी होता है।
यही नहीं गर्भपात होकर संतान का नष्ट हो जाना, मनुष्य का ध्यान कर्ज की तरफ जाना और लिए हुए कर्ज को चुकाने के लिये दर दर की ठोकरें खाना, किसी को दिए गए कर्जे का वसूल नहीं होना, आदि कारणों के लिए ज्योतिष शास्त्र में मंगल व्रत का विधान भी दिया गया है।
मंगल के व्रत में मंगल यंत्र का पूजन आवश्यक है। यह यंत्र जमीन जायदाद के विवाद में जाने और घर के अंदर हमेशा क्लेश रहने पर भी प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इसे वाहन में प्रतिष्ठित कर लगाने से दुर्घटना की संभावना न के बराबर हो जाती है।
इस तरह दांपत्य सुख और घर में खुशहाली लाने के लिए मंगल यंत्र को विधिवत पूजना शुभ होता है। इसे अभिमंत्रित कर अपने पास रखने से हर तरह की बला दूर हो जाती है। बुरी नजर से भी रक्षा होती है। इसको घर में स्थापित करने से पहले किसी जानकार से यंत्र संबंधित पूरी जानकारी अवश्य ले लें।
व्यापार में तरक्की के लिए गायत्री यंत्र
यह यंत्र व्यापारियों गृहस्थ लोगों के लिए ही बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य धन, धन से प्रयोग में लाए जाने वाले साधन और धन को प्रयोग में ली जाने वाली विद्या का विकास इसी यंत्र के द्वारा होता है। यह व्यापारियों के लिए दुकान साधन के रूप में है, जिससे दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होती है। यह गृहस्थ के लिए भी फायदेमंद है। इस यंत्र की स्थापना करने के बाद धन में आशातीत परिवर्तन होता है। मंदा कारोबार भी चलने लगता है।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।