उल्लू के दर्शन कैसे होते हैं? घर में उल्लू यानी लक्ष्मी का प्रसन्न होना
उल्लू के दर्शन कैसे होते हैं (Ullu Ke Darshan Kaise Hote Hain): सभी पक्षियों में उल्लू ही एक मात्र ऐसा पक्षी है, जिसको तंत्र-शास्त्र में महत्ता प्राप्त है। उल्लू के साथ अनेक प्रकार की तंत्रोक्तियाँ जुड़ी हुई है। जाने क्या हैं उनके फल प्रतिफल ?
उल्लू के दर्शन कैसे होते हैं (Ullu Ke Darshan Kaise Hote Hain)
उल्लू देखना शुभ या अशुभ
- यदि प्रातः काल या उषा काल में उल्लू पूर्व दिशा में हरे-भरे वृक्ष पर बैठा बोलता आपको सुनाई दे तो आर्थिक लाभ के साथ-साथ आप चिंता भार से भी मुक्त होंगे।
- यदि उल्लू उत्तर दिशा में किसी खंडहर, सूने, टूटे-फूटे मकान पर बैठे बोलता सुनाई दे, तो भय व्याप्त होगा या घर में कोई रोग ग्रस्त है या असाध्य रोग से पीड़ित है।
- वहीं पश्चिम-दक्षिण के मध्य में किसी ऊंचे स्थान, ऊंचे पेड़, खंभा या मकान की छत पर बोलता हुए दिखे तो पीड़ा-क्लेश का न्योता समझें।
- पश्चिम दिशा में प्रातःकाल उल्लू बोलता सुनाई देने का अर्थ है, धन तथा घर का नाश। वहीं दक्षिण में बोलना दुख, दरिद्रता के दूर होने का संकेत है।
- यदि मंगलवार के दिन सुबह में उल्लू पूर्व दिशा में वृक्ष पर बैठे हुए बोलता दिख जाए तो यह पुत्र प्राप्ति का संकेत है। लेकिन यदि वह वृक्ष सूखा हुआ हो और उल्लू पश्चिम दिशा में मुख करके बैठा हो तो यह किसी गंभीर बीमारी का सूचक है। यानी मंगलवार के दिन ही उल्लू पूर्व दिशा के अतिरिक्त किसी अन्य दिशा में दिखे या बोलता हुए दिखे तो यह शुभ नहीं माना जाता। इस दोष से बचने के लिए यथासंभव दान दें और निम्न मंत्र से एक माला का जप करें।
मंत्र- ऊं नमो उल्लू वाहिन्यै भगवती लक्ष्मी कृपा कुरु कुरु स्वाहा।
- रात्रि के समय चौथे प्रहर में पूर्व दिशा में उल्लू बोलता सुनाई दे तो इसका अर्थ है परदेश गया कोई अपना व्यक्ति घर लौट रहा है। लेकिन पश्चिम में हो तो धन हानि, उत्तर में मानसिक कष्ट और दक्षिण में रोग का संकेत समझें।
- यदि उल्लू घर में या घर के बाहर घोंसला बनाकर रहने लगे तो उस घर में लक्ष्मी का वास होता है। यानी घर में उल्लू का आना धन की दृष्टि से शुभ होता है।
- यात्रा के समय गांव के बाहर निकलते ही उल्लू बाईं ओर बोले या दिखाई दे तो यात्रा सुखमय समझें। दाईं ओर अशुभ, पीठ पीछे बोले तो शत्रु भय, सामने बोले तो यात्रा में कष्ट होता है।
- यदि रात में उल्लू सोते हुए व्यक्ति के बिस्तर पर बैठे और वह व्यक्ति अविवाहित हो तो उसका विवाह शीघ्र होता है। लेकिन वह व्यक्ति रोगी है तो वह शीघ्र रोग से मुक्त हो जाता है। वहीं अविवाहित स्त्री या पुरुष को स्पर्श करते हुए निकल जाए तो समझें विवाह में बाधा आएगी।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।