यूरिक एसिड का घरेलू उपचार, बच जायेंगे दवा खाने से
यूरिक एसिड का घरेलू उपचार (Uric Acid Ka Gharelu Upchar): यूरिक एसिड की समस्या तब शुरू होती है जब किडनी यूरिक एसिड को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती है और यह क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होने लगती है। इससे जोड़ों में दर्द और पैरों में सूजन आने लगती है। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो यह गठिया में परिवर्तित हो जाता है। थायराइड, पीसीओडी जैसी बड़ी समस्याओं में अब यूरिक एसिड भी आम तौर पर सुनने को मिल जा रहा है। महिलाएं और पुरुष दोनों इसकी चपेट में हैं।
यूरिक एसिड का घरेलू उपचार (Uric Acid Ka Gharelu Upchar)
खराब जीवनशैली से यूरिक एसिड का संबंध
जंक फूड खाने की आदत, घंटों एक ही पोजीशन में बैठे रहना, कम पानी पीना, फिजिकल एक्टिविटी न करना, ये सभी अस्वास्थ्यकर चीजें ही इस बीमारी को बढ़ावा देती हैं। जिससे यह संकेत मिलता है कि यूरिक एसिड के बढ़ने का सीधा संबंध आपकी खराब जीवनशैली से ही है। यदि आप खाने-पीने में बहुत अधिक प्रोटीन ले रहे हैं, जबकि अन्य तत्वों की कमी है, तो शरीर में इसका स्तर गड़बड़ा जाता है। इसके अलावा, यूरिक एसिड बढ़ने के कारण यह भी है –
- लीवर का कमजोर होना
- लो मेटाबॉलिज्म
- कम वसा वाले भोजन का सेवन
- रात में भारी भोजन करना
- कमजोर आंतों का स्वास्थ्य
- बहुत ज्यादा मांसाहारी भोजन करना
यूरिक एसिड का घरेलू इलाज
1. गिलोय
विशेषज्ञों के अनुसार यूरिक एसिड के स्तर को आप घरेलू तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए गिलोय के पत्तों का प्रयोग करें। गिलोय के पानी को आप उबाल कर पी सकते हैं। जिससे आपका यूरिक एसिड नहीं बढ़ेगा और आप दवा खाने से बच जायेंगे।
2. अखरोट
अखरोट ओमेगा-3 से भरपूर होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के साथ-साथ विटामिन बी6, कॉपर, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। अखरोट स्वस्थ प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो घुटनों में जमा हुए यूरिक एसिड क्रिस्टल को बाहर निकालने का काम करते हैं, इसलिए अखरोट को आहार में शामिल करें।
दिन में 2 से 3 अखरोट खाने से आपको फायदा होगा। आप इसका सेवन सलाद, स्मूदी और शेक में मिलाकर कर सकते हैं। अगर अखरोट की तासीर गर्म होती है, इसलिए आप इसे पानी में भिगोकर भी खा सकते हैं। इससे यूरिक एसिड तो कम होगा ही, साथ ही यह दिल और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे तनाव कम होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
3. अपनाएं स्वस्थ जीवनशैली
- सूर्यास्त के बाद जल्दी भोजन करें। आप इसे 8 से 9 बजे के बीच पूरा कर लें।
- 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें और प्रतिदिन 30 से 45 मिनट हल्का व्यायाम करें।
- तनाव लेने से बचें। योग और ध्यान का सहारा लें और मेटाबॉलिक रेट बढ़ाएं।
- दिन में खूब पानी पिएं लगभग 8 से 10 गिलास।
- रात के खाने में हाई प्रोटीन वाली चीजें जैसे राजमा, मटर, चना और छिलके वाली दाल का सेवन न करें।
- इसके अलावा हरी सब्जियों, नींबू का हेल्दी जूस लें।
- विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला, जामुन आदि का सेवन करें।
- शराब का सेवन न करें। रेड मीट जैसे अधिक मांसाहारी खाने से बचें।
याद रखें, यह बीमारी जीवनशैली से भी जुड़ी है, जब तक आप एक स्वस्थ जीवन शैली नहीं अपनाते हैं, तब तक दवा भी अपना असर नहीं दिखाएगी।
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अस्वीकरण – इस लेख में दी गई जानकारियों पर Mandnam.com यह दावा नहीं करता कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले, कृपया संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।